भारत में दीवाली का पर्व एक त्यौहार के तोर पर तो जाना ही जाता है , पर व्यापारिक संधर्ब में भी इसको अलग नज़रये से देखा जाता है जिसका अपना ही एक अलग महत्व है , क्यूंकि यही वो त्यौहार है जब कोई भी व्यापरी लक्ष्मी / धन की पूजा अर्चना , इस वजह से करता है ताकि उसकी तिजोरी में और धन की वृद्धि हो और लक्ष्मी कभी भी उससे ना रूठे !
यह दीवाली ही तो है , जब कई अँधेरी ज़िन्दगियों में , कई अँधेरी बस्तियों में , कई ख्वाहिशों में , उम्मीदों के दिये जल उठते हैं और अपनी सुनहरी रौशनी से हर वो जगह रोशन कर देते हैं , के किसी भी अँधेरे का अनुभव , कभी भी किसी को दोबारा ना करना पढ़े !
जब बनवास काट कर आए , वापस श्री राम जी ,
रौशनी से जगमगाई , तब से हर शाम जी ,
कोई जलाता फुलझड़ियाँ ख़ुशी से , तो कोई ख़ुशी से दिये जलाता,
मिले लक्ष्मण जैसा भाई सबको , तो कोई यह बताता ,
आज फिर से देखो , आया वही दिन है ,
सच हे , खुशियां पाना अब भी मुमकिन है ,
घर घर , हर घर , आज जगमगाना है ,
बहु / बिटिया ही है लक्ष्मी ,सब को यही समझाना है ,
आओ सब चेहरों पर , बिखेर दें क्यों ना हम मुस्कानें ,
प्यार और संवाद करें आपस में , मिटाएं गिले शिकवे पुराने !
( ~ फैसल )
यह दीवाली ही तो है , जब कई अँधेरी ज़िन्दगियों में , कई अँधेरी बस्तियों में , कई ख्वाहिशों में , उम्मीदों के दिये जल उठते हैं और अपनी सुनहरी रौशनी से हर वो जगह रोशन कर देते हैं , के किसी भी अँधेरे का अनुभव , कभी भी किसी को दोबारा ना करना पढ़े !
जब बनवास काट कर आए , वापस श्री राम जी ,
रौशनी से जगमगाई , तब से हर शाम जी ,
कोई जलाता फुलझड़ियाँ ख़ुशी से , तो कोई ख़ुशी से दिये जलाता,
मिले लक्ष्मण जैसा भाई सबको , तो कोई यह बताता ,
आज फिर से देखो , आया वही दिन है ,
सच हे , खुशियां पाना अब भी मुमकिन है ,
घर घर , हर घर , आज जगमगाना है ,
बहु / बिटिया ही है लक्ष्मी ,सब को यही समझाना है ,
आओ सब चेहरों पर , बिखेर दें क्यों ना हम मुस्कानें ,
प्यार और संवाद करें आपस में , मिटाएं गिले शिकवे पुराने !
( ~ फैसल )